टापुओं पर पिकनिक - 10

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मम्मी का फ़ोन नहीं आया। पर आगोश की आंखों में नींद नहीं थी। वह करवटें बदल रहा था। उसके सब दोस्त गहरी नींद में सो चुके थे।हल्के अंधेरे में भी उसे दिखाई दे रहा था कि नीचे बिछे गद्दे पर सोए हुए साजिद और आर्यन भी ठंड के कारण एक दूसरे से लिपटे पड़े थे।उधर सिद्धांत और मनन का भी यही हाल था।आगोश अपना आलस्य छोड़ कर उठा और उसने पहले तो एसी को कुछ कम किया, फ़िर अलमारी से दो चादरें लेकर चारों को ढका।तीसरी चादर हाथ में लेकर वह ख़ुद ओढ़ने जा ही रहा था कि ज़ोर से