कैसा ये इश्क़ है.... - (66)

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सोफे पर बैठने के बाद शान ने बड़ी मां को संदेश भेज दिया, 'हम मसूरी पहुंच चुके है ताईजी'! अर्पिता और मैं दोनो ही बिल्कुल ठीक हैं।संदेश भेज कर वो फोन रख देते है।अर्पिता जो वहीं खड़ी शान को ही देख रही है उनके जल्दी फोन रखने पर बोली शान क्या हुआ बड़ी मां से बात नही की आपने। शान बोले, "अप्पू अभी सुबह के साढ़े चार बज रहे हैं।कहीं ऐसा न हो मैं फोन करूँ और उनकी नींद खुल जाये तो बस किया नही फोन। 'ठीक है शान तो आप भी रेस्ट कर लीजिये थक गये होंगे आप' अर्पिता