कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग 61)

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अर्पिता का अंदाज देख शान बोले, 'हाय, इन्नी चाहत' कहीं मैं खुशी मर से ही न जाऊं अप्पू!शान की बात सुन अर्पिता बोली 'अभी तो जिंदगी शुरू हुई है शान इतनी जल्दी पीछा तो नही छूटेगा आपका'! अर्पिता की बात सुन शान उसके पास आये एवं उसके कानो के पास जाकर बोले, 'पीछा छुड़ाना चाहता भी कौन है अप्पू'? शान की इस हरकत से अर्पिता के हृदय की धड़कने सरपट दौड़ने लगी। शान :- मेरे घर और मेरे जीवन में तुम्हारा स्वागत है अर्पिता! अर्पिता हल्का सा मुस्कुराते हुए बोली , " हम गीत तुम आवाज हम सरगम तुम साज