- : कर्ण पिशाचिनी की एक दूसरी स्टोरी :- भाग - 1कुछ दिन पहले ही पूर्णिमा खत्म हुई इसीलिए गोल चाँद धीरे धीरे अपनी आकृति को खो रहा है । चारों तरफ सन्नाटा है । नहीं पूरी तरह सन्नाटा भी नहीं कहा जा सकता क्योंकि सन्नाटे में भी कुछ आवाजें होती है । दूर बहुत दूर कुछ सियारों की ' हुऊऊऊऊ ' आवाज सुनाई दे रहा । पत्तों पर हल्का हवा लगने के कारण सरसराहट की आवाज तैयार हुआ है । और बारिश की वजह से पेड़ के