क्या कहूं...भाग - ६

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विवान को आॅफलाइन देखकर स्मृति फिर से मायूस हो जाती है। वो बात करने के लिए जितनी उत्सुक थी, उसकी सारी उत्सुकता उदासी में बदल गई। "मैंने बहुत जल्दबाजी में उससे सवाल पूछ लिया...धत्त.. मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। शायद उसे ये अच्छा नहीं लगा या फिर उसने एटीट्यूड दिखाया?" शंकालु स्मृति जी को फिर एक और शंका उत्पन्न हो जाती है। वह गुस्से में सो जाती है इस दृढ़ निश्चय के साथ कि वो अब मैसेज नहीं करेगी। सुबह उठकर स्मृति फेसबुक पर जाती है। उसे लगता है कि विवान ने रिप्लाई किया होगा। पर स्मृति को फिर