उनके प्रश्न के उत्तर को ना देकर गौरव ने अपने पॉकेट से एक छोटे डायरी को निकाला । फिर एक के बाद एक पन्ने को पलट बीच के एक पन्ने पर रुक गया और मन लगाकर कुछ पढ़ने लगा । कुछ मिनट के बाद बोला – " राघव मुझे पहले ही समझ जाना चाहिए था पर अब हम कुछ भी नही कर सकते । " गौरव आतंक से फर्श पर बैठ गया । राघव और काजल ने उसे किसी तरह पकड़कर कमरे के एक कोने में रखे पुराने बेड पर बैठाया । अचानक उसी समय बेड के नीचे पड़े एक