मृत्यु भोग - 6 - अंतिम

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अगले दिन बहुत सुबह ही प्रताप की नींद खुल गयी , उठकर ही अनुभव किया आज शरीर बहुत हल्का लग रहा है कम्बल से बाहर निकला प्रताप , और खिड़की को खोल दिया तुरंत ही कुछ कोहरा और ठंड उसके कमरे में आ गए एक अलौकिक भोर है , जल्दी से फ्रेश हो गया प्रताप फिर एक कप चाय के लिए डुमरी को बुलाया , एक बार नही कई बार बुलाया । पर कोई उत्तर नही आया चिंता में पड़ गया प्रताप , फिर उसको क्या हुआ ? ऊपर जाकर देखना पड़ेगा । दोतल्ला पर जाकर प्रताप को याद आया