मृत्यु भोग - 4

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प्रताप आजकल बीच बीच में निमतला श्मशान में जाकर बैठा रहता है । वैसे निमतला घाट उसके दक्षिण घर से बहुत दूर है । लेकिन दक्षिण के गरिया महाश्मशान , सिरियारी व केवड़ातल्ला के किसी भी घाट पर इस निमतला व काशी मित्ति घाट जैसा गंगा की हवा नही मिलता है । आजकल श्मशान बहुत अच्छा लगता है उसको , शांत शीतल जगह । वहाँ कोई भी उसे उसके इन महीनों के परिवर्तन को लेकर कुछ नही पूछता । श्मशान के एक कोने में चुपचाप बैठा रहता है वो । दिसंबर के बीचोबीच का समय अगले दिन अमावस्या है ।