दो दिन पहले की ही तो बात है जब घर में धूमधाम से बेटे आर्यन का जन्मदिन मनाया गया था। हॉस्टल में रह कर पढ़ने वाले पंद्रह वर्षीय बेटे का जन्मोत्सव मनाने के लिए मम्मी- पापा ने दिन रात एक कर दिया था। बेटे के सारे दोस्त आए और एक से एक नायाब तोहफों से आर्यन का कमरा भर गया। लेकिन इसी दिन एक छोटी सी दुर्घटना भी हो गई थी। दिन भर की भाग दौड़ और कामकाज के बीच पार्टी के दौरान मम्मी पिछवाड़े के अपने कमरे में लेटे दादाजी को शाम को खाना देना भूल गई थीं। किसी