रेगिस्तान में ओएसिस सी औरत

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औरत - 6 रेगिस्तान में ओएसिस सी औरत [ एक युवा विकलांग औरत अपने रेगिस्तानी जीवन में कोई ओएसिस अर्थात एक छोटा सा पानी का गढ्ढा, जो जीवन का प्रतीक है, खोज लेती है व स्वयं जीवन का स्पंदन या ओएसिस बन जाती है। नीलम कुलश्रेष्ठ के जीवन की प्रथम कहानी कैक्टस ! प्यासे नहीं रहो’ पढ़िए ] नीलम कुलश्रेष्ठ मैं व्हील चेयर ढकेलते हुए खिड़की पर आती हूँ, डूबते हुए सूरज को देखने.... तीन साल से मेरा यही क्रम बन गया है । डूबते हुए सूरज को देखकर राहत मिलती है । मैं अकेली नहीं हूँ, और भी हैं,