12 जनवरी 1946,पॉलंपल्लाईं मद्रास, 9:00 बजे, रात का समयप्रिय डायरी, क्या मेरे कान सुन्न हो गए है? या मेरा भ्रम है कि तुम सच मूूच में आ रहे हो? सच में! मतलब क्या यह बात सच है कि माधवन नायर , यानी कि मिस्टर विश्वनाथन अजिथ नायर का इकलौता बेटा और मेरे हृदय के मंदिर का देवता जिसे मैंने पवित्रता और निष्ठा से प्रेम किया है, वो माधवन नायर कल पॉलंपल्लाइ में आने वाला है, मतलब मेरा माधवन आने वाला है, लंदन से वापस आने वाला है, मै आज शायद सो ना पाऊ , शायद मै इस खुशी में खाना खा नहीं