अपने-अपने कारागृह - 25

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अपने-अपने कारागृह -25सुबह उसने अजय का मनपसंद दलिया और आलू पोहा के साथ थोड़ी पनीर भुजिया भी बना ली ।' क्या हो गया है आज आपको यह स्पेशल ट्रीटमेंट !!' अजय ने कहा ।' स्पेशल तो आप मेरे लिए सदा से ही हो पर अपने-अपने दायरे में व्यस्त हम बस अपने लिए समय ही नहीं निकाल पाए ।'' शायद तुम ठीक कह रही हो । हमने पाया तो बहुत पर शायद जिंदगी नहीं जी पाए । आज भी भाग ही रहे हैं ।'' शायद आपकी बात ठीक है पर इस भागमभाग के बीच सुकून मिले थोड़े से ही पल जीवन