तुम्हारे दिल में मैं हूं? - 9

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अध्याय 9 तालाब के किनारे दोनों तरफ गड्ढे और पत्थर पड़े थे। कच्ची पगडंडी में हो कर चलना पड़ता था। वह भी नुकीली पत्थरों से भरा था। दस रुपये का टॉर्च लेकर गीता ने अपने हाथ में रखा। मेन रोड से उतर कर धीरे-धीरे तालाब के पगडंडी से चलना शुरू किया। उसके साथ कोई नहीं था। कोई विपत्ति आए तो चिल्लाने पर भी कोई नहीं आ सकता था। वहां सियारों, लोमड़ियां आ जाती थी। उनके चिल्लाने की आवाज सुनाई देती थी। ज्यादातर लोग लक्ष्मी ट्रांसपोर्ट के मिनी बस से सीधे ही गांव आ जाते थे। मिनी बस छूट जाए तो