अध्याय 2 अपनी हाथ की घड़ी को गीता ने देखा। आठ बजकर पैंतालीस मिनट हुए। साधारणतया आठ पैंतालिस तक लक्ष्मी ट्रांसपोर्ट के मिनी बस पुरानी बस स्टैंड को पार कर लेती है। आज अभी तक नए बस स्टैंड से ही रवाना नहीं हुई। "बड़े भाई साहब..." क्लीनर पप्पू ने संकोच से बोला। "क्या है रे ?" "समय हो गया भैया..." "होने दे" "गाड़ी को निकालिए भाई साहब ! भारत ट्रांसपोर्ट की बस, स्टैंड के अंदर आ गई है। हम अभी भी रवाना नहीं हुए तो समस्या आ जाएगी। आज मूछों वाला कल्लू ही उसका ड्राइवर है। वह उतर कर मारने