संगम--भाग (६)

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घूंघट ओढ़े,लाल जोड़े में सजी दुल्हन,लाल चूड़ियों और सोने के कंगन से भरी कलाइयां, मेहंदी रची हथेलियां, बिछिया और पायल के साथ ,महावर लगे सुंदर पैर___ दुल्हन ने द्वार पर प्रवेश किया, द्वार छिकाई के लिए दूल्हे की बहन को तलाशा जा रहा है___ तभी सीताराम पाण्डेय अपनी नेत्रहीन पत्नी पार्वती से कहा___ अजी सुनती हो,गुन्जा कहां है,जल्दी से द्वार छिकाई की रस्म पूरी कर दे,बहु भी थक गई होंगी ताकि अंदर आकर आराम कर सके। पार्वती बोली, अभी तो यही थी, पता नहीं कहां चली गई,ये लड़की भी ना, इतनी पागल है,जानती है कि भाभी आ गई है फिर