कामनाओं के नशेमन हुस्न तबस्सुम निहाँ 11 अमल माला के लिए ढेर सारे कपड़े ले आए खरीद कर। इसके सिवा और बहुत सारे सामान। जो माला को बहुत पसंद थे। जाते-जाते बेला, माला को पकड़ कर बच्चों की तरह बिलख कर रोयी थी और उससे कहा था- ‘‘जा...मैं बहुत जल्दी तुझे वापस गांव से बुला लूंगी। तेरे चाचा से गांव का पता ले लिया तेरे छोटे बाबू ने।‘‘ ‘‘और न लौट पायी तो...?‘‘ माला ने डूबती आँखों से देख कर कहा। ‘‘तेरे इस सवाल का जवाब मेरे पास नहीं है रे...जा तू...‘‘ बेला के सारे शब्द जैसे अंदर ही फंस