कामनाओं के नशेमन - 9

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कामनाओं के नशेमन हुस्न तबस्सुम निहाँ 9 रात में अमल ने बेला को अपने हाथों से सजाया संवारा। उसके जूड़े में एक खुबसूरत रजनी गंधा की वेणी लगाई। वह साड़ी पहनाई जिसे बाबू जील ले के आए थे। फिर बेला के होठों पर होंठ रखते हुए बेला से बोले- ‘‘कैसे तुमने सोच लिया कि मैं आज की तारीख भूल गया था‘‘ ‘‘बेला ने अमल के बालों को हाथों से सहलाते हुए एक सहज विश्वास के साथ कहा- ‘‘मैंने तो यह कभी नहीं समझा था। बस, तुम्हारे न लौटने की चिंता होने लगी थी कि जब प्रोग्राम नहीं दिया तो कहाँ