एक बहू ऐसी भी आर ० के ० लाल आज जतिन बहुत खुश एवं उत्साहित था क्योंकि उसकी पत्नी सुभद्रा विदेश से छ: माह बाद आज सुबह ही वापस आई थी। उससे इतने दिनों का विछोह सहा नहीं जा रहा था । पढ़ाई पूरी करते ही सुभद्रा की सगाई हो गयी थी, उसने मैनेजमेंट का कोर्स किया था मगर उसे कोई अच्छी नौकरी दिल्ली के आसपास नहीं मिल रही थी। उसके मामा विदेश एक मल्टीनेशनल कंपनी में किसी ऊंचे पद पर थे इसलिए सुभद्रा को उनकी कंपनी में जॉब मिल गईं थी। उसे ट्रेनिंग पर इंग्लैंड जाना पड़ा था।