मुझे महसूस होता था कि अब लोगों से निकट आत्मीय रिश्ते बहुत जटिल होते जा रहे हैं। आपको ज़रूर इससे हैरानी हो रही होगी। आप कहेंगे कि उल्टे अब तो सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से त्वरित और अंतरंग रिश्ते बनाना और भी सुगम हो गया था। मैं ये कहना चाहता हूं कि पहले किसी आदमी को अच्छी तरह जानने के लिए एक लंबा वक़्त बिताना पड़ता था। आप उसके साथ अपने संबंधों को अनुभवों- अनुभूतियों से सींचें, अच्छे बुरे दिनों से गुजरें, तब कहीं जाकर आप उसके बारे में प्रामाणिकता से कुछ कह पाने के काबिल होते थे।