30 शेड्स ऑफ बेला - 22

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30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Day 22 by Sana Sameer सना समीर किस गली बिकती है वफाएं? कृष की आवाज़ सुनकर बेला के मन में एक तूफ़ान सा उमड़ आया। अचानक कुछ यादें ताज़ा हो उठीं। बेला को अपनी एक नज़्म याद आ गयी - " अरमां की बारात लिए, आशाओं में कौन जिए, जिनके लिए बस कांटे हैं, उनका दामन कौन सिये, कृष्ण कन्हैय्या आ जाओ, मीरा कब तक ज़हर पिए " बेला लिखती थी लेकिन केवल एक शख्स के लिए। कृष की बात सुनकर वह बीते दिनों के सैलाब में समा गयी। कृष का