नैना अश्क ना हो... - 8

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रात भर के सफ़र के बाद जब सुबह आंख खुली तो नई दिल्लीस्टेशन बस आने ही वाला था।जैसे ही ट्रेन रुकी शांतनु जी बाहर गेट के पास आए देखने की किसी कुली को बुला ले समान उठाने के लिए ; पर सामने से सेना के कुछ जवान आते दिखाई दिए । वो समझगए कि ये उनको ही रिसीव करने आए है ।सबसे आगे चल रहे जवान ने पास आकर शांतनु जी के पैरछुए और बोला ,"सर मै आपको लेने आया हूं ।"शांतनु जी बोले,"पैर भी छूते हो, और सर भी कहते हो !!!!अंकल कह सकते हो बेटा ।"जवाब में जवान