पापा की जोब मुम्बंई ट्रान्सफर हुई थी।कल रात ही पापा-मम्मी और मे विस्वकर्मा एपार्टमेन्ट के आठवे माले पे फ्लेट नंबर 103 मे सीफ्ट हुए थे।लगभग सारा सामान आ चुका था।लेकिन कुछ सामान लाना अभी भी बाकी था। मेरा एडमिसन अब यहा की स्कुल मे करना था लेकीन पापा को काम था तो कुछ दिन के बाद कराने को कहा था।तब तक मेने सोचा की एपार्टमेन्ट मे कुछ दोस्त बना लु। सुबे उठकर पापा जोब के लिए निकल गये।मे लेट उठी थी।थोडी आलस आ रही थी तो मे बाल्कनी मे चली