भरोसा -- अनोखी प्रेम कथा (भाग5 अंतिम)

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"तो फिर तुम लोगो ने कोर्ट मैरिज कर ली?"नाज़िया की बात सुनकर रीना बोली।"नही",मेहंदी लगाना भूलकर नाज़िया अपने अतीत मैं फिर खो गई,"अब्बा के मना करने पर मैं विवेक से कोर्ट मैरिज करने को तैयार हो गई थी।लेकिन विवेक तैयार नही हुआ।वह मेरे अब्बा की मर्ज़ी के बिना शादी करने के लिए तैयार नही था।।""फिर तुम लोगो की शादी कैसे हुई?"रीना की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी।"मेरे तलाक के बाद- -और नाज़िया के अतीत का एक और पन्ना चलचित्र की तरह उसकी आँखो के सामने साकार हो उठा। बेटी के तलाक से रहीस को गहरा सदमा लगा था।इस सदमे से