लो, इधर तो मैं फ़िर से अपने गुज़रे हुए बचपन में लौट रहा था, उधर मेरे इस यज्ञ में घर के लोग भी आहूति देने लगे। मुझे मेरी बेटी ने मेरे पचास साल पहले अपने स्कूल में बनाए गए कुछ चित्र ये कह कर भेंट किए कि पापा, मम्मी की एक पुरानी फ़ाइल में आपके ये चित्र रखे हुए मिले। मैंने चित्रों को हाथ में लेकर देखा। सचमुच, जब मैं नवीं कक्षा पास करके दसवीं में आया था तब छुट्टियों में बनाए गए ये चित्र थे। कुछ इक्यावन साल पहले की बात ! मुझे याद आया कि जब मैंने नवीं