आखा तीज का ब्याह (4) कैसा है ये प्रतीक भी! उसके मन की हर बात को भांप जाता है और उनका हल भी निकल लेता है| इन दिनों उसे अपने माता-पिता की बहुत याद आ रही थी, और शायद प्रतीक समझ गया था, तभी उसने यह ऑफर स्वीकार किया था| प्रतीक ने हमेशा उसकी मदद की है| हालाँकि पहले उसे वह अधिक पसंद नहीं आया था| उनकी पहली मुलाकात हुई ही कुछ ऐसे हालात में थी कि वह प्रतीक के लिए अपने मन में गलत धारणा बना बैठी| वासंती को अपने मेडिकल कॉलेज का पहला दिन याद आ गया| और साथ