मुझमें मुझसे ज्यादा

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'ये अजीब शख्स है,भाई! इस जमाने में चिट्ठी कौन भेजता है?' 'कौन है जी?किसकी चिट्ठी आई है?' 'आपके लिए ही है रश्मि जी!' 'मेरे लिए?है कौन?' 'लगता है कोई निमंत्रण पत्र है।' मिश्रा जी लिफाफे को दबा कर टटोलते हुए बोले। 'कितने प्रोग्राम अटेंड करूँ मैं?परेशान हो गयी हूँ रोज़-रोज़ के कार्यक्रम से...उस tv टेबल के पास रख दीजिए।' रश्मि लगभग झुंझलाते हुए बोली। 'अजी जरा देखने तो दीजिये इस व्हाट्सअप्प के जमाने चिट्ठी से निमंत्रण किसने भेजा है।' मिश्रा जी आश्चर्य और हर्ष के मिश्रित भाव को चेहरे में छुपाते हुए बोले। रश्मि के पास समय नही था सो