मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 6

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अध्याय-6अब लगभग रोज का यही रूटीन हो गया था। मीता मन लगाकर पढ़ाई कर रही थी। उसने अपनी पढ़ाई के लिए सब संसाधन जुटा लिए थे। वो हर पंद्रह दिन में एक बार घर आ जाती थी और वापस जाकर फिर से तैयारी में जुट जाती थी। एक दिन पी.एस.सी प्रारंभिक का फार्म भी आ गया।हैलो सुबोध। पी.एस.सी. प्रारंभिक का फार्म आ गया है।चलो अच्छा है तुम तो परीक्षा के ठीक सामने आ गई हो। अब तुम्हें अपनी सारी शक्ति लगाकर एक्जाम दिलाना है मीता।हाँ परंतु मेरा फार्म यही इंस्टीट्यूट से भरा रहा है। इसलिए तुम वहाँ से मत भरना।अच्छा