कैसा ये इश्क़ है....( भाग 1)

(35)
  • 44.8k
  • 9
  • 29.1k

लखनऊ नवाबों की नगरी है मियां यहाँ के जर्रे जर्रे मे तहजीब और नजाकत बसी हुई है।यहाँ की तहजीब के किस्से इतने सुनाये जाते है तो सोचिये जनाब तहजीब और नजाकत के इस खूबसूरत शहर मे इश्क़ के कितने किस्से सुनाये जाते होंगे।इश्क़ की कितनी ही कहनियो ने इस शहर मे रुहानियत को जिया होगा कितने ही किस्सो ने इस शहर की फिजाओ को अपने प्रेम की महक से महकाया होगा।यहाँ के तो इश्क़ मे भी तह्जीब और नजाकत की झलक ही देखने को मिलती है।वो इश्क़ जो हमे इस दुनिया से उस दुनिया मे ले जाता है जिसे