नैना अश्क ना हो... - भाग -2

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उस दिन पापा ने बार बार शाश्वत से पूछा बताओगे कि क्या करूं ? पर वो कुछ भी नहीं कह पाया । किसी को भी कुछ नहीं सूझ रहा था कि क्या किया जाए ? जब दोपहर में नव्या से बात हुई तो शाश्वत ने कहा कि तुम अपने पापा को मेरे यहां भेजो पर वो साफ मुकर गई। ना! बाबा ! ना मेरी हिम्मत नहीं है ,कि मैं पापा या मम्मी से बात कर सकूं । शाम को सब ने मिलकर ये फैसला किया कि नव्या के मम्मी- पापा को फोन कर यहां खाने पर बुलाया जाए। फिर उसी समय बात की