नैना अश्क ना हो... - भाग- २

(32)
  • 12.7k
  • 2
  • 7.2k

Part -2 शाश्वत ने अपने पिता को एक अजीब सी दुविधा में डाल दिया था। अगर वो बेटे की इच्छा का मान रखते हैं, तो समाज में क्या प्रतिष्ठा रह जाएगी? कैसे सामना करेंगे समाज से मिलने वाले तानों का ? अभी कुछ समय पहले ही उनके साथ काम करने वाले सिन्हा जी के बेटे ने साथ पढ़ने वाली यादव जी की पुत्री से विवाह कर लिया था। बेशक दोनों खुश थे परन्तु, उस समय बहुत चर्चाएं हुई थी। हर किसी की जुबान पर उन्हीं की बातें रहती थी। पूरा घटनाक्रम उन्हें याद आ गया। फिर उन्होंने सोचा