ये दिल पगला कहीं का - 14

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ये दिल पगला कहीं का अध्याय-14 किन्तु आशा के व्यवहार में आये आश्चर्यचकित परिवर्तन देखकर सभी हतप्रद थे। सपना के बेटी के उपचार में दिन-रात एक देने वाला आनंद अब भी सपना को स्वीकार करने को तैयार था। यह सपना भी भलि-भांति जानती थी कि आनंद उसे अब तक नहीं भुला है। वह अपने उस निर्णय पर शर्मिंदा थी जिसने उसे आनंद जैसे सुयोग्य वर से दूर कर दिया। वह आशा से भी मिली, जो आनंद से असीम प्रेम करती थी। आनंद सर्वाथा आशा के योग्य था। वह दोनों के बीच आना नहीं चाहती थी। इसलिए उसने जो निर्णय लिया