अखिल भारतीय सन्तमत सत्संग की परम्परा के सद्गुरुओं का मूलभूत सिद्धान्त रहा है कि आन्तरिक ध्यान-योगाभ्यास व उपासना से ही मानव जीवन में समुचित मानवीय गुणों एवं आध्यात्मिक जीवन का विकास सम्भव है। इसी उद्देश्यानुकूल सद्गुरुओं व सत्संग संचालक साधकों द्वारा साप्ताहिक, मासिक शान्ति पाठ के अतिरिक्त प्रत्येक माह में आध्यात्मिक साधना शिविर-राष्ट्रीय सत्संग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। ये कार्यक्रम मुख्यतः तीन भागों में सम्पन्न होते हैं।