ये दिल पगला कहीं का - 10

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ये दिल पगला कहीं का अध्याय-10 जी हां। आपकी अस्वीकृति मुझे मिल चूकी है। फिर भी मुझे यह आभास हुआ है की अपने हृदय की बात आप तक पहूंचाना मेरे लिए परम आवश्यक है। इसके पीछे आपके निर्णय को बदलने की मेरी कोई योजना नहीं है। हां मगर यह अवश्य चाहता हूं कि अपने इस प्रयास से हमारे भावि रिश्ते की कोई भी संभावना बनती है तो यह मेरी उपलब्धि होगी। निर्मल बोला। मगर मैं एक बार निर्णय ले चूकी हूं। इससे पलटना मेरे लिए असंभव है। शिखा बोली। मेरी आपसे यह भेंट किसी दबाव अथवा आपको परेशान करने के