ये दिल पगला कहीं का - 8

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ये दिल पगला कहीं का अध्याय-8 दोनों व्यवसायी सहभागिता रखते थे। पांच वर्ष पूर्व ऑफिस के कर्मचारी वंश कुमार की हत्या में संग्राम सिंह को संदिग्ध अपराधी के रूप जेल जाना पड़ा। वह प्रकरण न्यायालय में लम्बीत था। हत्या के सभी प्रमाण संग्राम सिंह के विरूद्ध थे। लोग आश्चर्यचकित थे कि कृष्ण देव आनंद ने अपने मित्र संग्राम सिंह को बचाने में कोई प्रयास क्यों नहीं किये? रचना इसी बात से आहत थी। उसे अपने पिता पर पुर्ण विश्वास था कि वे किसी का खून नहीं कर सकते। कृष्ण देव आनंद के प्रति रचना के मन में बहुत क्रोध था।