अटूट बंधन

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रवि और कुसुम की शादी हुए अभी कुछ ही साल बीते थे।सभी लोग खुशी-खुशी रह रहे थे;लेकिन एक दिन एक दर्द विदारक घटना घटी।कुसुम अपनी सास से झगड़ा कर बैठी और अपने पति,रवि से झल्लाकर बोली,"या तो इस घर में मैं रहूंगी या तो तुम्हारी माँ", चयन तुम्हे करना है। अब बीबी की बात कौन टाल सकता था क्योंकि उसके साथ पूरा जीवन जो बिताना है।माँ तो केवल माँ ठहरी, वैसे भी कुछ ही दिन तो बचे हैं उनके जीवन के ।काफी सोच विचार के रवि ने फैसला किया, कि माँ को ट्रेन में बिठा दूंगा जिससे कहीं न कहीं लोगों