लाजपत राय गर्ग की चुनिंदा लघुकथाएँ (5) शुभ मुहूर्त पंडित रामकिशन मन्दिर में पुजारी की ड्यूटी निभाने के साथ पतरा बाँचने का काम भी करता था। अक्सर लोग उससे शादी-विवाह, गृह- प्रवेश का शुभ मुहूर्त पूछने अथवा अपनी जन्म-कुण्डली आदि दिखाने आते रहते थे। मन्दिर में माथा टेकने के पश्चात् जब जगदम्बा प्रसाद आसन पर बैठे पंडित रामकिशन से चरणामृत लेने गया तो उसने देखा कि आमतौर सदा प्रसन्न दिखने वाले पंडित जी के चेहरे पर उदासी और मायूसी छाई हुई थी। उसके पंडित जी के साथ अनौपचारिक सम्बन्ध थे। जब भी वह मन्दिर आता था तो दस-बीस मिनट पंडित