कभी अलविदा न कहना डॉ वन्दना गुप्ता 14 "कम्मो अब खतरे से बाहर है... जाओ बच्चों तुम भी मिल लो.." ताऊजी की बात सुनकर राहत भी हुई और दहशत भी... मन में डर था कि ताईजी मिलने पर कैसे रियेक्ट करेंगी, उन्हें अलका दी की असलियत पता चल गई है या नहीं... यह भी एक प्रश्न था। "ताऊजी! अभी उन्हें आराम की जरूरत है, हम कल मिल लेंगे... अलका दी आप चाहो तो मिल आइए ताईजी से..." मेरे कहने पर अशोक ने मुझे घूर कर देखा, किन्तु मेरी सोच को ताईजी ने सही साबित किया। जब अलका दी आई सी यू से