जनाब सलीम लँगड़े और श्रीमती शीला देवी की जवानी (कहानी पंकज सुबीर) (1) यह कहानी सुने जाने से पहले कुछ जानकारियों से अवगत होने की माँग करती है। उन जानकारियों की रोशनी के अभाव में कहानी कुछ अविश्वसनीय लगेगी। इसलिए बहुत संक्षिप्त सी जानकारी यहाँ दी जा रही है। इसे भी कहानी की हिस्सा ही मान कर पढ़ा जाए। कहानी की कहानी और ज्ञान का ज्ञान। असल में यह कहानी एक विशेष अंचल की है। इस अंचल में कुछ जिलों में कई सारी जातियों की मिली-जुली जनसंख्या है। इस मिली-जुली जनसंख्या में कुछ जातियाँ ऐसी भी हैं, जो बिल्कुल भी