मानो न मानो

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हम पढ़े लिखे लोग हर चीज को विज्ञान और तर्क के तराजू पर तोले बिना किसी बात पर विश्वास नहीं करते | यही हाल सुगंधा का था , वह टोने-टोटकों पर विश्वास तो दूर उनका मखौल उड़ाना उसकी आदत में शामिल था। जब उसका विवाह हुआ तो उसकी ननदों और सास से पता लगा कि वो अपनी ताई से अधिक मतलब नहीं रखते क्योंकि वो टोने-टोटके करती है | पहले भी पंजाब में इस-टोनों टोटकों के प्रचलन के बारे सुन रखा था लेकिन विश्वास तो था नहीं ,सो सुगंधा ने उनकी बात को भी अनसुना कर दिया | कुछ समय