खोफ - 24

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“सोच लो फिर मै तुम सब की बेबसी पर दुबारा रहम नही खाऊंगी। हमें भी औलाद नहीं रहना है अपने बच्चों को जिंदा देखने के लिए हम कुछ भी करेंगे.! प्रिया के भाई ने अपने भारी शब्दों में आत्मसमर्पण कर दिया। "ठीक है, तो सूनो ..!" आरती अपने घुँघराले बालों को सहला रही थी। उसकी आँखें गोल गोल घूम रही थी। प्रिया के दिल की धड़कन बढ़ गई थी। वो भी समझा गई थी कि पूरी जनजाति डायनो द्वारा बिछाए गए जाल में गिर गई थी। जिसे कोई नहीं बचा सकता। इसकी शर्तों के अाधीन हुए बिना कोई चारा नहीं था। जिसे कोई चुनौती नहीं दे सकता