कौन दिलों की जाने! अठाईस दो—तीन दिन तक रमेश विचार करता रहा कि आपसी सहमति के लिये रानी ने तो स्वीकृति दे दी है और साथ ही आश्वासन भी दिया है कि मैं जो भी करने को कहूँगा, वह बिना किसी शिकवे—शिकायत के मानने को तैयार है। चाहे मुझे विश्वास है कि कानूनी कार्रवाई पूरी होने के पश्चात् रानी आलोक के साथ ही रहेगी, फिर भी एकबार उससे भी पूछ लेना बेहतर होगा कि उसकी भविष्य को लेकर क्या योजना है। साथ ही तय करना होगा कि क्या कोर्ट में आपसी सहमति की अर्जी देने तक अथवा कानूनी कार्रवाई पूरी