कोई बडी बात नहीं थी. बस एक थप्पड ही तो था. पहेली बार हाथ उठाया था उसने. पति-पत्नी के बीच इतना तो होता रहेता है. इतनी छोटी सी बात पे कोई तलाक ले लेता है क्या..? एसे कई सारे डायलोग्स ‘थप्पड’ में सुनाई दे पडते हैं, और सिर्फ सुनने या पढने तक ये सही भी लगते हैं, लेकिन जब फिल्म ‘थप्पड’ में उन्हें देखा जाता हैं तब बात कुछ और ही होती हैं. यूं तो बात बस इतनी सी थी, लेकिन सच में बात इस से कहीं ज्यादा थी… ‘थप्पड’ की कहानी है हाउसवाइफ अमृता (तापसी पन्नु) की जो अपने पति