दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें - 22

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दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें (लघु कथा-संग्रह ) 22--मोहभंग बड़ा हँसता-खेलता परिवार था वो !आइडियल सिचुएशन वाला पति-पत्नी, बेटा-बेटी। बच्चे बड़े हुए, शादी-ब्याह हो गए, उनकी अपनी पसंद से ! बिटिया अपने घर, बहू अपने परिवार में।सब कहते, इस परिवार से बड़ी पाॅज़िटिव वाइब्रेशन्स आती हैं।खूब आना-जाना लगा रहता यानि लोगों की रौनक ! बेटे की दो प्यारी सी बेटियों की मुस्कान से घर चहकता रहता। अधेड़ दादा-दादी को पोतियाँ मिलीं तो जैसे कारूँ का खज़ाना मिल गया | खज़ाना जैसे खनकता रहता, न जाने कितना है इस परिवार के पास ! भौतिक रूप में कुछ इतना था भी नहीं कि श्रेष्ठी