दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें - 19

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दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें (लघु कथा-संग्रह ) 19-चंदन अपने छोटे शहर के एकमात्र डिग्री कॉलेज में जब अंकिता ने प्रवेश लिया तो आसपास के लोगों की आँखों में सवालिया प्रश्न तैरने लगे | तीस वर्ष पुरानी बात आज भी यदाकदा उसे झंझोड़ देती है, खिलखिलाने पर मज़बूर कर देती है | जाटों का शहर था जिसमें अधिकतर लोग छोटे काम-धंधे वाले, अध्यापक, पंडित लोगों के साथ एक बड़ा तबका किसानों के परिवारों का निवास करता था जिनके घरों में खूब ज़मीनें होती थीं, खेती से खूब पैसा आता उन घरों के बच्चों को बहुधा पास के शहरों में पढ़ने के लिए भेजा