सबरीना - 29

  • 4.1k
  • 986

सबरीना (29) वो खत, जो उन्होंने मेरी मां को लिखे थे।’ सुशांत और सबरीना काफी देर तक ऐसे ही खड़े रहे। डाॅ. मिर्जाएव ने सबरीना को टोका, ‘चलो, अब यहां से जल्द निकलना चाहिए। यूनिवर्सिटी ही चलते हैं। वहां पर ठहरने का कुछ न कुछ इंतजाम हो जाएगा।‘ जारीना और सबरीना ने सामान समेटा, होटल की बुकिंग कैंसिल कराई और बाहर निकल लिए। अब चारों लड़कियां भी उनके साथ थीं। उनके बाहर निकलने पर होटल स्टाफ ने भी राहत की सांस ली। चूंकि, होटल संचालकों ने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया था इसलिए डाॅ. मिर्जाएव को वहां से तुरंत निकलना