फ़ैसला - 10

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फ़ैसला (10) इस तरह से धीरे-धीरे दो दिन का समय भी बीत गया। सबेरे-सबेरे ही उठकर सिद्धेश ने एडवोकेट खन्ना और अपने अभिन्न मित्र डा. के.डी. से सुगन्धा को लेकर फोन पर बात की और आपस में बातचीत करने के बाद 10 बजे का समय निश्चित कर लिया। उसके बाद उसने सुगन्धा को आवाज देकर उससे 10 बजे के पहले घर से निकलने को कह दिया। इसके बाद सिद्धेश स्वयं अपनी तैयारी में लग गया। लगभग 2 घंटे के बाद दोनों तैयार हो गये। लगभग नौ बजे सिद्धेश कार की ड्राइविंग सीट पर बैठ गया और पीछे की सीट पर