सबरीना (25) मेरे साथ हिन्दुस्तान चलो सबरीना! ’प्रोफेसर तारीकबी मुझे ले तो आए, लेकिन एक दिन मैं वहां से भाग निकली। मुझे लगा, मैं शराब और सैक्स की आदी हो गई थी। उस वक्त मेरी उम्र 18-19 साल थी। मेरे लिए प्रोफेसर तारीकबी की बौद्धिक दुनिया में सर्वाइव करना संभव ही नहीं था। कई महीनों तक सड़कों पर भटकती रही, ग्राहक ढूंढती रही और इसी सब में आजादी तलाशती और महसूस करती रही। प्रोफेसर तारीकबी की एक खूबी थी, वो कभी हार नहीं मानते थे, उन्हांेने मुझे भी यही सबसे बड़ी बात सिखाई। उन्होंने मेरी तलाश जारी रखी। इस मामले