सबरीना - 24

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सबरीना (24) ‘हर रोज शराब, हर रोज नए देहखोर, नए ठिकाने।‘ प्रोफेसर तारीकबी हमेशा के लिए विदा हो गए थे। हर कोई उनसे जुड़ी स्मृतियों का जिक्र कर रहा था। डाॅक्टरों ने दानिश को डिस्चार्ज कर दिया था, लेकिन उसे बीच-बीच में स्मृति-लोप के दौरे पड़ रहे थे। डाॅक्टरों का कहना था कि ये सब कुछ दिन में ठीक हो जाएगा। सबरीना, जारीना, डाॅ. मिर्जाएव, छोटा चारी, डाॅ. मोरसात और सुशांत प्रोफेसर तारीकबी के घर पर बैठे थे। वहां सभी खामोश थे और एक-दूसरे से नजरे बचाने की कोशिश करते हुए लग रहे थे। सुशांत ने एक-एक कर सबको देखा,