सबरीना - 19

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सबरीना (19) जारीना ने सुशंात को खींचा... सबरीना और सुशांत की चुप्पी के बीच में डाॅ. साकिब मिर्जाएव के खर्राटे बार-बार बाधा बन रहे थे। डाॅ. मिर्जाएव मुंह खोलकर सो हुए थे और उनके खर्राटे इंजन की आवाज को टक्कर देते दिख रहे थे। उनकी गर्दन एक ओर झुकी हुई थी और हरेक आती-जाती सांस के साथ उनका मुंह और चैड़ा होता दिखता था। सोते वक्त की बेख्याली में उन्होंने अपनी टांगे इतनी फैला दी थी कि उनके बराबर में बैठे हुए प्रोफेसर तारीकबी के लिए बैठे रहने की जगह ही नहीं बची। वे सीट छोड़कर खड़े हो गए, उन्हें