वैश्या वृतांत - 30 - अंतिम भाग

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वैश्या वृतांत यशवन्त कोठारी अपराधी बच्चे और शिक्षक की भूमिका स्वच्छंदता, उच्छृंखला, बदलता सामाजिक मूल्यों तथा राजनीतिक जागरुकता ने छात्रों और अध्यापकों के बीच की खाई को बहुत चौड़ा कर दिया है। यही कारण है कि छात्रों, खासकर कम उम्र के बालकों में अपराध मनोवृति बहुत बढ़ती जा रही है। पाश्चात्य सभ्यता की अंधी नकल और सिनेमा आदि के कुप्रभावों ने बालकों में विभिन्न प्रकार की अपराधी प्रवृत्तियां उत्पन्न की हैं और ये प्रवृत्तियां तेजी से बढ़ रही हैं, जो आने वाले समय के खतरे के निशानों को पार कर जाने वाली है। प्रारंभिक सर्वेक्षणों से पता चला है कि